कविता

स्वतंत्रता का अधिकार

हम, आप और हमारा देश
स्वतंत्र है आज,
कहने सुनने में अच्छा लगता है,
स्वतंत्रता का अधिकार
बना रहे ये सपने सजाना
बड़ा अच्छा लगता है।
पर जरा ये भी तो सोचिये
कि सब अधिकार आपका ही है
या औरों का भी कुछ अधिकार है।
स्वतंत्रता के नाम पर
उदंडता, अश्लीलता, अतिक्रमण
हिंसा का ताडंव करना
अधिकारों के नाम पर
जी भरकर दुरुपयोग करना
स्वतंत्रता का कौन सा अधिकार है।
जितना अधिकार आपका है जनाब
स्वतंत्रता का भी अधिकार
जरा भी कम नहीं है महराज।
हमें भी तो बताइए
स्वतंत्रता का यही अधिकार है?
जहाँ सारा अधिकार सिर्फ़ आपका है
बाकी सब अधिकार विहीन हैं।
अच्छा है अपनी औकात में रहिए
स्वतंत्रता के अधिकार का
तनिक भी दुरुपयोग न करिए,
वरना बहुत पछताएंगे,
स्वतंत्रता के अधिकार की
बात तो करने की तो दूर
स्वतंत्रता के सपने भी
आपको डरायेंगे, कँपकँपाएंगे,
आपकी औकात हर समय
आपको याद दिलाएंगे
तब स्वतंत्रता का अधिकार
बहुत अच्छे से जान जायेंगे।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921