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नोटबन्दी के 5 वर्ष

नोटबन्दी का यह 5 वर्ष पूरे हुए। अब तो लोग उसे भूल कोरोनाकाल में जीने को अभिशप्त हैं। ‘नयी मुद्रा’ पुरानी और खोटी मुद्रा को प्रचलन से कर देती है बाहर ! अर्थशास्त्र के अकाट्य नियमों  में — ‘नयी मुद्रा’ पुरानी, अप्रचलनीय, खोटा, नकली मुद्रा को प्रचलन से बाहर कर देती है — कोई नया नियम नहीं है । भारत सरकार द्वारा देश की आर्थिक ढाँचा को सुदृढ़ता प्रदान करने में किए गए उपक्रम कि “पुराने ₹500 और ₹1000 के नोट इतिहास में दर्ज़ हो गए (विशेष परिस्थिति को छोड़कर)” के प्रति हमें सादर आभार व्यक्त करने चाहिए।

साल 2016 में ‘देश के नाम सन्देश’ में माननीय प्रधानमन्त्री ने सुस्पष्ट कहा है कि 125 करोड़ भारतीयों के रुपये में किसी प्रकार के संकट के बादल नहीं उमड़े हैं । पुराने नोटों के लिए कुछ अत्यंत थोड़े दिन आपातिक व्यवस्था लिए भी है । फिर 30 दिसंबर तक प्रथम 50 दिन इन नोटों को बैंक और डाकघरों के खातों में जमा करने के लिए है । विशेष शर्तों के साथ व नियमबद्ध कुछ चिह्नित पहचान के साथ 31 मार्च 2017 तक भी अनिवार्यरूपेन बैंक/डाकघरों के खाता में जमा हो जाने की सूचना है।

हमें किसी आग्रह पर शीघ्र प्रतिक्रिया न देकर किसी सन्देश को बूझना भी चाहिए तथा सरकार के देशनिष्ठ संदेशों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने चाहिए । पुराने 500 और 1000 रु. के नोट क्षणान्तराल प्रचलन से बाहर हो जाएंगे , फिर 2000 के नए नोट का प्रथम प्रयोग में और 500 के नए नोट प्रचलन में आ जाएंगे।

करप्सन, ब्लैक मनी , नकली नोट आदि के कारण भारतीय अर्थव्यस्था में रोज आये दिन कोई न कोई  ह्रास की घटनाएं होती है, इसलिए सरकार का यह कदम न केवल सराहनीय है, अपितु देश की विकास दर बढाने में अव्वल टोटका है । एक निर्धन व्यक्ति की संचय राशि नकदी मुद्रा में ज्यादा नहीं रहती है । हाँ, सभी सिक्के , अपवाद को छोड़ सभी  रुपये प्रचलन में है और इसके लिए किसी को परेशान होने की आवश्यकता नहीं हैं ! वर्ष 2016 के माननीय प्रधानमंत्री का सन्देश फिर से सुना जा  सकता है !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.