कविता

प्रेरणा

तुम प्रेरणा बनकर
मेरी जिन्दगी में आना
मैं कर्मवीर बनकर
मजिल पा जाऊँगा
मेरी हर कदम पर
तेरी हिम्मत  मिल जाये
मैं पर्दतराज पर भी
तिरंगा लहरा आऊँगा

तुम प्रेरणा बनकर
मेरी जिन्दगी में आना
मैं दुनियाँ से भी
मुकाबला कर आऊँगा
सामने चट्टान भी मिल जाये
मैं हनुमान बनकर
किला फतह कर आऊँगा

तुम प्रेरणा बनकर
मेरी जिन्दगी में आना
मैं सागर तैर कर
अपनी मुकाम ढुँढ लुँगा
लाख पथ पर हमें
काँटों का सेज मिले
मैं तुफान बन कर
मजिल पा ही लुँगा

तुम प्रेरणा बनकर
मेरी जिन्दगी में आना
हर काम वक्त पर मैं
पूरा कर ही डालूंगाँ
लाख अंधेरी रात
मेरी राह रोक ले पर
मैं अंछेरों में भी
चिराग जला ही जाऊँगा

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088