स्वागत है ऋतुराज
शीत गया है बीत वसन्त अब गाता है,
स्वागत है, ऋतुराज तुम्हरा स्वागत है।
कोयल कूक रही पेंडो पर
हैं भँवरे झूम रहे फूलों पर,
तितली नाच रही बागों में,
चिड़ियाँ चहक रही खेतों में
तरु, खग, मृग सब गाते हैं
स्वागत है ऋतुराज! तुम्हरा स्वागत है।
फूली है सरसों खेतों में,
आ गया बौर है बागों में।
फल, फूल, अन्न वासन्ती हैं
सरिताएं कल-कल करती हैं
हो प्रसन्न मल्हार सब गाते हैं
स्वागत है ऋतुराज! तुम्हरा स्वागत है।
हर्षित किसान है खेतों में
बह रही पवन अमराई में।
घर-घर मे फ़ाग मल्हारें हैं
स्वागत करती तरुणाई है।
बाल, तरुण, प्रौढ़ सब गाते हैं
स्वागत है ऋतुराज! तुम्हरा स्वागत है।