राजनीति
राजनीति जी हां राजनीति
क्या इसकी भी है कोई नीति
या देना पड़ता कोई इम्तिहान
होता इसमें भी पास फेल
यह कोई है एक यूं ही खेल
एक से धुरंधर शामिल
बहुत कुछ होता इन्हे हासिल
जब भी आता है चुनाव
नेता का जनता से बढे लगाव
दरिद्र के घर भोजन करना
ईश्वर को भी जाने वह छलना
मंदिर मस्जिद शीश नवाते
उसके बाद फिर कहां पहचानते
बड़ी गाड़ी ऊंचे भवन
जमीन पर नहीं पड़ते कदम
ऐशो आराम से भरा जीवन
काली कमाई भ्रष्टाचार
इनका वह करें व्यापार
देश से पहले स्व से प्यार
ये ही इनका है रोजगार
इनके भी है कुछ अपवाद
दिखता उनमें भी राष्ट्र से प्यार
नहीं करते कोई विवाद
धन संपत्ति का करके त्याग
करते पहले देश से प्यार
काली कमाई अब करो बंद
यहां सर्वे सर्वा प्रजातंत्र
वोट बैंक जब नहीं भरेगा
वोट बैंक जब नहीं भरेगा
तो फिर राजनीति होगा बंद|