बी.आर. अंबेडकर
भीमराव से बाबा साहेब की ,
संघर्षमय कहानी थी ।
दलितों को न्याय देने की,
बचपन से ही ठानी थी ।
भीमराव से बाबासाहेब की,
संघर्षमय कहानी थी।
अर्थ ,कानून, सुधार की,
देश में न्याय संगत नींव डाली थी।
छुआछूत के विरोध में,
समान अधिकारों की,
अचूक बात कह डाली थी।
भीमराव से बाबा साहेब की, संघर्षमय कहानी थी ।
स्वतंत्र भारत की आजादी को, हरिजन सहाय से ,
संविधान में प्रस्तावना कर डाली थी ।
समाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए,
कानूनी नीति रच डाली थी।
— प्रीति शर्मा असीम
अम्बेडकर ने विकलांगों के साथ अन्याय करने की ठानी थी
जो सुविधायें उनको मिलतीं वे जाति वर्ग को दे डाली थीं
आरक्षण से जन्म आधारित जाति व्यवस्था स्थायी करने की ठानी थी