पैगाम
मल्टीटेलेंटिड मध्यमवर्गीय खूबसूरत शुभ्रा के लिए जब रईस रोहन का रिश्ता आया, तो घरवाले फूले न समाए।
रोहन की भाभी सुगंधा को पहचानते ही शुभ्रा एक ही सांस में न जाने कितने प्रश्न पूछ बैठी,”अरे ! आप तो मशहूर पेंटर “सुगंधा” हो न? कितनी टैलेंटेड हो आप! आपको तो इंटरनेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। आपकी हर एग्जीबिशन में मैं जाती थी। पर अब आप पेंटिंग्स की एग्जीबिशन क्यों नहीं लगातीं?”
“सुगंधा अब नामी परिवार की बहू है। उसे काम करने की क्या जरूरत?” शुभ्रा की होने वाली सास बोली।
“पर, वो…. ” शुभ्रा ने सुगंधा की तरफ देखा।
“अक्सर बड़े घरों में अवार्ड्स और ख्वाहिशें दीवारों पर टांग दी जाती हैं।” सुगंधा की नम आंखें शुभ्रा को पैग़ाम दे चुकी थीं।
अंजु गुप्ता