कविता

अपनी मोहब्बत में रंग जाऊं

मेरी आंखों में देखो जरा , तुम खुद को ही पाओगे
मेरी दिवानगी देख तुम भी एक दिन पिघल जाओगे।।
मेरे दिल में, चाहत तेरे लिए सुनो बहुत ही गहरी है
आज नहीं तो कल तुम भी महसूस ये कर पाओगे।।
आजमान चाहो मेरी मोहब्बत तो आजमा लो तुम हमें
यकीन है हमको खुद कि मोहब्बत पर तुम हार जाओगे।।
क्यों ना अपनाना चाहते मेरी मोहब्बत ए दिवानगी तुम
सच कहते हैं तुमको , बिन अपने हमे , मरा तुम पाओगे।।
सात समंदर कि दूरी हो चाहे हमारे जीवन में वीणा
आज न कल तो इस दोस्ती को हम अपने रंग में रंग जाऐंगे।।
मेरी रूह ,नस-नस में सच अब सिर्फ तू ही समाता
तेरा ही नाम मेरे लबों पर , पर इस दुनिया से हम छिपाएंगे।।
— वीणा आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित