कविता

हमसे कुछ सीखिए

 

हमें देखकर सिर्फ मुस्कुराइए नहीं

हम नन्हें नादान है तो क्या हुआ

पहले हमें गौर से जी भरकर देखिए

हो सके तो चिंतन मनन कीजिए।

हम आपसे कुछ कहना चाहते हैं

उसे भी समझने की कोशिश कीजिए

हमारी कोशिशों को व्यर्थ मत कीजिए

बस थोड़ा गंभीर हो जाइए

हमारे चेहरों पर गौर कीजिए

एक एक भाव पढ़ने की कोशिश कीजिए

अपने जीवन में आत्मसात कीजिए।

फिर देखिए! बहुत कुछ खुद बखुद

आपके जीवन में बदल जायेगा

आपका जीवन संतोष संग

हजार खुशियों से भर जायेगा

चिंताएं दूर भाग जायेंगी

जीने की नई रीति समझ में आ जायेगी

जिंदगी मुस्कराते हुए कटने लग जायेगी

जीवन में नई बहार आ जायेगी।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921