सामाजिक

बेटियां मां लक्ष्मी का वरदान हैं

भारत आदि अनादि काल से मान्यताओं, आध्यात्मिकता, संस्कृति,सभ्यता, आदर, मान सम्मान को अपने जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मांनता है। मेरा ऐसा मानना है कि सृष्टि में सभ्यता का चलन भारतवर्ष से ही शुरू हुआ है और भारत उसका जन्मदाता भी है विश्व में शायद भारत ऐसा देश है, जहां धर्मनिरपेक्षता और स्त्रियों का मान सम्मान समानता पूरी निष्ठा के साथ किया जाता है हालांकि इस सृष्टि रूपी सांसारिक जग में अपवाद हर क्षेत्र में होते हैं परंतु हम अगर मेजॉरिटी देखें तो इन दोनों का मान सम्मानसमानता अधिकतम है आज हम इस आर्टिकल के द्वारा महिलाओं और बेटियों के मान सम्मान समानता और उन्हें मां लक्ष्मी के स्वरूप मैं मानने की मान्यता और महिलाओं के आदर के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे हालांकि हमारा उद्देश्य बेटों को भी कम आंकना नहीं है इस आर्टिकल में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की सहायता ली गई है और इसकी सटीकता विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं की जा सकती।
बात अगर हम बेटियों की करें तो एक बेटी लक्ष्मी की तरह कोमल और प्यारी हो सकती है, मजबूत और बहादुर हो सकती है, माता सीता की तरह वफादार और साहसी हो सकती है, राधा की तरह असीम प्यार दे सकती है, रुकमणी की तरह सुंदर और विनम्र हो सकती है याने निष्कर्ष अगर देना हो तो हम कह सकते हैं कि एक बेटी वह सब कुछ कर सकती है जो हमारी उम्मीदों से बहुत अधिक हो सकता है आज हम हर क्षेत्र में देख रहे हैं कि बेटियां अपनी सफलता के झंडे गाड़ रही है यहां तक कि अब भारतीय सेना में भी बेटियां बड़ी पोस्ट पर आ गई है। अभी हाल ही में घोषित सिविल सेवा परीक्षा में भी बेटियों ने भारी सफलता अर्जित की है हम हर वर्ष देखते हैं कि करीबकरीब हर राज्य बोर्ड 10वीं और 12वीं परीक्षा में बेटियों ही अव्वल दर्जे में आती है जो रेखांकित करने वाली बात है।
बात अगर हम घर में मां लक्ष्मी का वास होने के मान्यता की करें तो बेटियां लक्ष्मी का वरदान है, बेटियां मां लक्ष्मी का स्वरूप है, जिस घर में बेटियां रहती है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है। बेटियां घर में धन और समृद्धि लाती है इसके अलावा भी ऐसी अनेक बातें हैं जिनसे ऐसा महसूस किया जा सकता है कि मां की कृपा होने वाली है?
जब घर की समस्त स्त्रियों को पूर्ण आदर-सम्मान -समानता दी जाने लगे तब समझना माँ की कृपा होने वाली है।जब मन मे किसी भी पराई स्त्री के प्रति अशुभ विचार कुदृष्टि एक क्षण के लिए भी ना आने लगे तब समझना माँ की कृपा होने वाली है। जब सूर्योदय से पूर्व जागकर नित्य कर्मो से निवृत्त होकर पूजन-अर्चन के बाद प्रातःकाल से ही कार्य-व्ययसाय का आरंभ हो जाए तब समझना माँ की कृपा होने वाली है। जब हृदय में प्रसन्नता-मन मे विश्वास -आत्मा में ईश्वर की दृढ़ भावना स्थिर लगने लगे तो समझना माँ की कृपा होने वाली है। जब अथक परिश्रम करके धन प्राप्त हो और वो मेहनत की बरक़त वाला धन दुगुना-चौगुना होने लगे तब समझना माँ की कृपा होने वाली है। जब टोने टोटके के बजाय बुद्धिबल-सक्रियता का प्रयोग होने लगेऔर उपायों-शॉर्टकट के बजाय तपस्या-पुरुषार्थ को महत्वमिलने लगे तब समझना माँ की कृपा होने वाली है। जब घर मे अन्न का-जल का-धन का अपव्यय होना बंद हो जाये तब समझना माँ की कृपा होने वाली है।
बात अगर हम कुछ अपवादों में बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच रखने वालों की भर्त्सना की करें तो, लड़कियाँ लक्ष्मी का रूप होती है तो फिर क्यों उन्हें जन्म से पहले ही खत्म करने की कोशिश होती है? ऐसे व्यक्ति जो लड़कियों को जन्म देने से पहले ही खत्म कर देते हैं वह कायर से बढ़कर और कुछ नहीं होते। हां वह डर जाते हैं कि बेटी जब बड़ी होगी और अट्ठारह पार कर लेगी तो उसकी शादी करानी पड़ेगी जिसमें शादी का सारा खर्चा उन्हें उठाना पड़ेगा, दहेज देना पड़ेगा और बेटी भी पराए घर चली जाएगी। वे पहले ही यह सब सोच कर रखते हैं और डर जाते हैं। अगर उनके पास एक परसेंट का भी साहस होता तो वह यह सोचते कि 18 साल बाद लड़की को पढ़ाते, ग्रेजुएट बनाते, सरकारी नौकरी के लिए काबिल बनाते या प्राइवेट सेक्टर नौकरी में ऊपर तक जाने का अवसर देते।
तब बात ही कुछ अलग हो जाती। उस समय उन्हें दूल्हा खुद खोजना नहीं पड़ता बल्कि कई दूल्हों को उस लड़की को चुनना पड़ता। हां दहेज देना कानूनी जुर्म है मगर कुछ लोग आज भी पुरानी सोच को लेकर जी रहे हैं और लड़कियों को जन्म से पहले ही मार देने का प्रथम कारण यही सामने आया है जोकि कायरता से बढ़कर और कुछ नहीं है।
बात अगर हम बेटियों के लिए विभिन्न योजनाओं की करें तो (1) भारत लक्ष्मी योजना (2) लाडली लक्ष्मी योजना (3) मुख्यमंत्री राजश्री योजना (4) भाग्यश्री योजना (5) सुकन्या समृद्धि योजना (6) धन लक्ष्मी योजना (7) सीबीएसई उड़ान स्कीम (8) माझी कन्या भाग्यश्री योजना (9) लाड़ली लक्ष्मी योजना (10) लक्ष्मी स्कीम (11) नंदा देवी कन्या हमी योजना (12) मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना इत्यादि अनेक योजनाएं हैं यदि सभी राज्यों की योजनाएं मिलाई जाए तो मेरा मानना है कि ऐसी सैकड़ों योजनाएं होगी जो बेटियों के लक्ष्मी का स्वरूप होने के दावे को मजबूत करती है। हम भारत में मां लक्ष्मी को धन, स्वास्थ्य, समृद्धि, सुख, शक्ति, भोजन, वैभव, धैर्य, मोक्ष, प्रेम, सौंदर्य, स्त्रीत्व और ​​संतान की देवी मानते हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि बेटियां मां लक्ष्मी की वरदान है। बेटियां मां लक्ष्मी का स्वरूप है, जिस घर में बेटियां रहती है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है। बेटियां घर में धन और समृद्धि लाती है। घर में समस्त स्त्रियों को पूर्ण आदर सम्मान समानता दी जाने लगे तो समझना मां की कृपा होने वाली है।
— किशन सनमुखदास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया