दशहरा
सच की होती हमेशा जीत ।
बुराई की होती सदा हार
बुराई पर अच्छाई की जयकार
यह बताता दशहरे का त्यौहार।
बुराई का होगा नाश ।
सुखों होगा तभी अहसास ।
बुराई को जलाना है
दशहरा मनाना है।
श्री राम के आगमन का
जश्न मनाना है।
अब और नहीं
हमें बुराई को बढ़ाना है ।
इस दशहरे हमें
अपने अंदर के रावण जलाना है ।
रंजू
दसवीं कक्षा की छात्रा
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक
गाहलिया
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश