दिवाली है
मन में हो मौज तो दिवाली है,
वाणी में हो ओज तो दिवाली है.
दीपों का उजास हो तो दिवाली है,
मन में प्रकाश हो तो दिवाली है.
स्नेह का सागर हो तो दिवाली है,
प्रेम का प्रसार हो तो दिवाली है.
बुजुर्गों का सत्कार हो तो दिवाली है,
छोटों के प्रति प्यार हो तो दिवाली है.
शराब न पिएं तो रोज दिवाली है,
जुआ न खेलें तो रोज दिवाली है,
निर्धन भी ‘गर दीप जला पाएं,
तो रोज दीपोत्सव है, सच्ची दिवाली है.