गीत
चांदनी छुपके देखे बदरिया से चंदा खड़ा मुसकाय
सजनी खड़ी देखे छलनी में पिया अब मिल जाये |
छत की मुडेर से दर्शन पाके मट्ठी का भोग लगाय
करवा हिला मिल भाभी तरह आकर व्रत दे खुलाय|
सजनी खड़ी देखे छलनी में पिया को मिल जाये ||
साजन चाँद में देखू और दिल की धडकन थाम पायुं
तेरे हाथ से व्रत खोल के सपना घर सा भी निभायु |
मनुवा कहे, मुझसे निभाते साथ तुम मेरा सदा ,
यह माँग सिंदूरी रहे अधिकार सा प्रियतम को बतायु ।
सजनी खड़ी देखे छलनी में पिया अब मिल जाये ||
प्यार की चिलमन हो उस चकौर से बंधे अरमा शोर
मन की सरगम पूरी हो मिले जो तेरी डोर बंध पाय|
पूरी हो तमन्ना मेरे घर-बार सुहाग लग्न मनुहार सी
वाला चाँद करवा चौथ के, पल तुम्हें पूजा मन लुभाय|
सजनी खड़ी देखे छलनी में पिया अब मिल जाये ||
–रेखा मोहन