कविता

व्यंग्य कविता – योजनाओं का लाभ

सुशासन समागम में सीएम ने यह बात
बिना हिचक के उठाई
हकीकत धरातल पर आई
योजनाओं का लाभ दिएदिए पर मिलता है भाई
सीएम ने ब्यूरोक्रेसी को फिर आईनासूरत दिखाई
अफसरों ने मुझे अच्छी पिक्चर दिखाई
असलियत में वैसा नहीं है भाई
योजनाओं का लाभ लिएदिए पर मिलता है भाई
मोटिवेशनल स्पीकर की तरह बोले
एक्शन ऑन द स्पॉट करता हूं भाई
झूठे पिक्चर मत दिखाओ भाई
योजनाओं का लाभ लिएदिए पर मिलता है भाई
जनता जागृत है इलेक्शन आग्रत है
छवि ईमानदार बनाना है भाई
नहीं खाने दूंगा हरे गुलाबी की मलाई
योजनाओं का लाभ लिएदिए पर मिलता है भाई
अफसरों से पूछताछ करते रहता हूं भाई
संतोष नहीं हुआ तो करता हूं कार्यवाही
कर दो अब भ्रष्टाचार को सख़्त मनाई
योजनाओं का लाभ दिएदिए पर मिलता है भाई
— किशन सनमुख़दास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया