हकले ने फिर काम कर दिया
हकले ने फिर काम कर दिया,
भगवा को बदनाम कर दिया।
काम न करते लाख मदरसे,
ये वैसा अंजाम कर दिया।
एक फिल्म से हर हिन्दू को,
खल ने झंडू बाम कर दिया।
खोल कला की ओढ़-ओढ़कर,
जेहादी-सा काम कर दिया।
एक नर्तकी वेश्या बनकर,
सनातनी संग्राम कर दिया।
यही हमारी संस्कृति है क्या?
फिल्मों में जो आम कर दिया।
नव पीढ़ी वालों जागो अब,
वरना तुम्हें गुलाम कर दिया।
एजेंडा अब नहीं चलेगा,
तूने अति का शाम कर दिया।
बहिष्कार से कुछ ना होगा,
‘खानों’ ने अविराम कर दिया।
निर्माता की रूह भी सोचें,
काहें ऐसा काम कर दिया।
— सुरेश मिश्र