कविता

तस्वीर

सुना है तस्वीरें भी बोलती है
वो खामोशी से सब देखती है
 वो अपना दर्द कहना चाहती है
शायद वो बोलना भी चाहती है
अंदर छिपे राजो को खोलना चाहती है
बोलती तस्वीरें अपनेपन का अहसास कराती है
यादों के रूप में तस्वीरें ही होती है
जब हम तस्वीरों को देखते है
जाने कहाँ कहाँ की यादें ताजा हो जाती है
जीवन के खूबसूरत पल भी  दिखाती है
हर तस्वीर का अपना महत्व होता है
तभी तो सब इनको संभालकर रखते है
कुछ खुशी कुछ दुख के पल भी याद कराती है
तस्वीरें किस्से कहानियां भी सुनाती है
इन्ही तस्वीरों को हम सहेजकर रखते है
जीवन भर इनकी यादों के साथ जिया करते है
सुना है तस्वीरें भी बोलती है
वो खामोशी से सब देखती है [….]
 — पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश