राजनीति

बुद्धि हीन तनु जानिके… (रतलाम)

मध्य प्रदेश के रतलाम शहर में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधियों द्वारा बॉडीबिल्डिंग की एक प्रतियोगिता करवाई जाती है।  विषय बहुत अच्छा है और खासकर तब जब यह बॉडीबिल्डिंग नारी शक्ति को शारीरिक बल उपासना से जोड़ने के लिए हो, देव उपासना से पहले शरीर की बल उपासना आवश्यक है, जब आप बलवान होंगे केवल तभी आप सम्मानित होंगे। परंतु यहां मंच पर यह दृश्य देखने में आया कि हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गई एवं उसके सामने महिला पहलवान अपने शरीर सौष्ठव का प्रदर्शन कर रही थी, जोकि सामान्य कपड़ों में नहीं किया जाता अर्थात उन्होंने अपने अंग पर केवल दो वस्त्र धारण किए हुए थे। यह असामान्य था कि इतने बड़े शहर में शारीरिक सौष्ठव का इतना अच्छा प्रदर्शन किया गया, साथ ही क्योंकि हनुमानजी बल बुद्धि ज्ञान के देवता है उन्हें मंच पर स्थान दिया गया, परंतु जब प्रतियोगिता आरंभ होना चाहिए थी तब या तो उन्हें मंच से स्थानांतरित करना चाहिए था या फिर हनुमान जी की जगह किसी बॉडीबिल्डर की फोटो लगानी चाहिए थी। हम सभी जानते है कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी होकर समस्त हिंदू समाज के लिए पूजनीय है, महिलाओं द्वारा उनकी प्रतिमा के सामने अर्धनग्न होकर शारीरिक प्रदर्शन करना किसी भी तरह से उचित नहीं है। यह सनातन धर्मियों की आस्था के विपरीत है। हम यहां शारीरिक बल उपासना का विरोध नहीं कर रहे, वरन उसे अच्छा ही बता रहे हैं। परंतु जिस रूप में की गई या जो प्रस्तुतीकरण किया गया, केवल उसका विरोध है वह भी इसलिए क्योंकि वह हमारी सनातन मान्यताओं से जुड़ा हुआ है अब यह आवश्यक है की सभी राजनीतिक दल व राजनीतिक प्रतिनिधि यह समझ ले कि हिंदू समाज की मान्यताओं के विपरीत काम करने पर आपका हर जगह विरोध किया जाएगा फिर चाहे आप किसी भी दल या पार्टी के हों। इसलिए अपनी मान्यताओं व परंपराओं का अपमान कभी स्वीकार ना करें, मुखर होकर इसका विरोध करें। हम हनुमान जी से प्रार्थना भी करते है कि आयोजकों को सद्बुद्धि दें। भाजपा की प्रदेश इकाई को भी चाहिए कि ऐसे जन प्रतिनिधियों की अलग से क्लास लेकर इन्हें सनातन आस्थाओं का ज्ञान दें, क्योंकि जो पार्टी राष्ट्रवाद के बड़े सिद्धान्त पर चलती है, देश जिसके नेतृत्व में गौरवान्वित हो रहा है, ऐसे कुछ अज्ञानी लोगों के कारण जन भावनाओं का अपमान होता है। केवल टीवी इंटरविव में अपने एक प्रवक्ता द्वारा उत्तेजक टिप्पणी करने पर पार्टी उन्हें निष्काषित कर देती है जबकि जो कहा गया था उसमें कुछ भी असत्य नही था, परन्तु जन भावनाओं का ध्यान रखते हुए ऐसा किया गया। तो अब प्रदेश नेतृत्व इस घटना को एक पाठ के रूप में लेकर आवश्यक कसावट करे, यह आवश्यक है। हिन्दू समाज जाग्रत अवस्था में है इसे छेड़ने अथवा किसी भी प्रकार से अपमानित करने की स्थिति में आपका नुकसान हुआ तय है। भूतकाल में कांग्रेस, दिग्विजय सिंह आदि का कार्यकाल व उनके वचन, कथन, कार्यकलाप देखकर आसानी से समझ सकते है। लेखक का उद्देश्य जन भावनाओं को नेतृत्व तक पहुचाना होता है, सनातन मूल्यों व परंपराओं की रक्षा के लिए सबका सम्मान व निश्चित जिम्मेदारी आवश्यक है।
धर्मो रक्षति रक्षितः।

— मंगलेश सोनी

*मंगलेश सोनी

युवा लेखक व स्वतंत्र टिप्पणीकार मनावर जिला धार, मध्यप्रदेश