कविता

महापुरुष

महात्मा ज्योतिबा, फुले जी हों
या भारत रत्न , श्री भीमराव जी
दोनों ही थी, विलक्षण प्रतिभाएं
दोनों ही थे, विचारों के धनी ।

समाज में दोनों का, बड़ा स्थान है
दोनों का परिवर्तन, में योगदान है
जीवन भर दोनों, संघर्ष करते रहे
भेदभाव के खिलाफ,वे लड़ते रहे।

उद्देश्यों से कभी, नजर नही हटी
जिद्द के पक्के थे, विजय प्राप्त की
आधुनिक भारत के,हैं दोनों प्रणेता
अंबेडकर जी हैं,संविधान रचयिता

शिक्षा को दोनों ने, अस्त्र बनाया
अधिकारों के लिए, बिगुल बजाया
पिछड़े दलितों, को संगठित करके
संघ की ताकत का, दर्शन कराया।

जीवन इनका , सादगी से भरा था
लक्ष्य थे बड़े, मन विश्वास गढ़ा था
अहिंसा को, हथियार बनाकर
जो चाहा वह, हासिल किया था।

सदियों में जन्मते हैं,ऐसे महापुरुष
नाम सदा के लिए,अमर कर गये
इतिहास सदा इनका, रहेगा ऋणी
करोड़ों ह्रदय में, ये घर कर गये ।

इसी सप्ताह है, दोनो की जयंती
दोनों समर्पण की ,सकल प्रतिमूर्ति
आपसे रोशन, हमारा चमन है
दोनों महापुरुषों को , मेरा नमन है

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई