लघुकथा

लघुकथा – जीत

अपने रिश्तेदार की शादी में सास अपने दोनों बेटों और बहुओं के साथ गाँव आई थी। दोनो बेटे सरकारी जॉब में थे, स्वाभाविक है दोनों बहुओं की साज सज्जा में कोई कमी नहीं थी। रिसेप्शन के बाद सास अपनी कुछ रिश्तेदारों के साथ बातचीत में व्यस्त थी।
अचानक एक रिश्तेदार बोली, “दीदी आपकी दोनों बहू बहुत सुंदर हैं। तीस साल से ज्यादा उम्र होगी दोनों की।लेकिन बीस पच्चीस साल की लगती है दोनों। साज सज्जा और श्रृंगार से दोनों के सौंदर्य में चार चाँद लग जाते हैं।”
बहुओं की प्रशंसा सुन सास के चेहरे की रंगत गुलाबी हो गई।
“लेकिन आपकी छोटी बहू की सबसे बड़ी खूबी उसकी मुस्कान और सादगी है जो आपकी बड़ी में नहीं है।” रिश्तेदार ने बेबाकी से कहा।
“आज तुमने मेरे दिल की बात कही। आज मेरी छोटी जीत गई।” सास ने कहा।
— निर्मल कुमार दे

निर्मल कुमार डे

जमशेदपुर झारखंड [email protected]