राजनीति

हजूर जाते जाते बहुत देर कर दी…

बैंगलुरू में मोदी मोदी के बीच देश की बड़ी राजनेतिक पार्टी कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि उसके युवराज राहुल गाँधी 2024 के आम चुनाव में प्रधान मंत्री का चेहरा बिल्कुल नहीं होंगे। मतलब चुनाव से पहले ही कांग्रेस pm पद की कुर्सी से दूर हो गई है। यह कांग्रेस के लिए दुःख भरी खबर है या खुश खबर? इसका जवाब तो मूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ही दे सकेंगे।
यह सुनकर कांग्रेस को अपने खून पसीने से सींचने वाले लोगों के दिल पर क्या गुजर रही होगी इसका अंदाजा मैं यह गाना गा कर लगा सकता हूँ …
ये कहाँ आ गए हम राज करते करते…
तो अब कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता क्या लालू यादव,या केजरीवाल को प्रधान मंत्री बनाने के लिए गाँव गाँव घूमेंगे?कांग्रेस के बड़े नेताओं ने अपनी सुविधा के लिए धुर विरोधी नेताओं की छतरी पकड़ ली है।और मोदी को किसी भी कीमत पर हटाने के लिए विपक्षी दलों के साथ बैठकर बेंगलूरु में एकता कर ली है।इन 26दलों के नेताओं ने कि मोदी को हटाने के लिए कहा है कि हम india बना रहे हैं।यह इंडिया अंग्रेजों ने भी एक बार बनाया था साहब।जिसे वापस भारत बनाने के लिए बड़ी कुर्बानी हमारे शहीदों और आजादी के दीवानों ने दी थी।कांग्रेस ही सबसे ज्यादा दावा करती है कि उसने सोने की चिड़ियाँ को इंडिया बनाने वाले अंग्रेजों से भारत को आजादी दिलाई थी।अब बेंगलूरु में इंडिया बनाने वालों से क्या मूल कांग्रेसियों को फिर वैसे ही लड़ना पड़ेगा? चुनावों में इन करोड़ों कार्य कर्ताओं के हाथ में अब क्या झाड़ू या लालटैंन होगी?
देश की जनता पूँछ रही है कि हाल ही में देश भर में निकली राहुल गाँधी की भारत जोड़ो पैदल यात्रा क्या व्यर्थ की माथापच्ची थी। विपक्षी एकता वाले 26दलों में कांग्रेस पार्टी लगता है अकेली पड़ गई।लालू जी ने बैठक से पहले फतवा जारी कर दिया था कि बिना पत्नी के कोई भी व्यक्ति प्रधान मंत्री के निवास में रहने का सपना नहीं देखे।लालूजी और नितीश बाबू के निशाने पर विपक्षी एकता की पहली बैठक में पटना दौड़ कर गए राहुल जी ही थे।
आखिर जिसका डर था वो बात हो गई। राहुल बाबा की बिना बारात बिदाई हो गई। बीजेपी से भी आज आवाज आई…
बहुत देर कर दी हजूर जाते जाते…

— शशि गोयल