कविता

कविता

मां! यह क्या हो रहा है

इतनी भीड़ क्यों है मां

आज सड़कें बहुत साफ हैं

सड़कों पर चूना बिखरा हुआ है

पुलिस वाले चारों और क्यों हैं, मां

पुलिस वाले कितने अच्छे नज़र आ रहे हैं

मां, इतने सारे बच्चे लाईनों में किधर जा रहे हैं

मां कितने सुन्दर लगते हैं बच्चे…….

…..सड़क पार करते हुए

एक मजदूर मां के शिक्षा वंचित बच्चे ने कहा,

मां ने कहा चल जल्दी चल

समय पर ना पहुंचे तो

ठेकेदार गालियां देगा,

जल्दी-जल्दी चलते हुए

सड़क पार करने लगे

तो एक पुलिस वाले ने

आक्रोश में रोकते हुए उन्हें कहा

नज़र नहीं आता मिनिस्टर साहिब की गाड़ियां आने वाली हैं

चल कमबख्त दूर हो जा

अन्धों की तरह भागती आ रही है

बच्चे सहित मां को जोर से धक्का दिया

मां हताश होकर

वापस चल पड़ी

किसी और रास्ते की भाल में

कहीं दिहाड़ी (मजदूरी) लगाने में देर ना हो जाये

छोटे बच्चे ने मां के मुंह की तरफ देखते हुए

रूआंसी आवाज़ में पूछा

मां! हमें पुलिस वाले ने धक्का क्यों दिया है?

बेटा! आज 15अगस्त है

 मां वो क्या होती है?

— बलविंदर बालम

बलविन्दर ‘बालम’

ओंकार नगर, गुरदासपुर (पंजाब) मो. 98156 25409