जिंदगी
जिंदगी मंज़िल नहीं
कि पा ली और थम गई
निरंतर एक यात्रा है यह
कई मुकाम होंगे इसमें
थक रूकती है जिंदगी
कुछ दिन उन मुकामों पर
फिर आगे बढ़ जाती
जिस दिन रुक गई यह यात्रा
तमाम समझो हुई जिंदगी उस दिन
और मौत
जिंदगी का अगला मुकाम
बन आ खड़ी हुई