त्याग समर्पण
मांडवी का त्याग बड़ा
या उर्मिला का समर्पण?
ना जाने उहापोह कैसा
चलते रहता है अंतर्मन|
जीवन में हर कोई करता
कभी भी त्याग और प्रतीक्षा,
भगवान की होती है मर्जी
चाहे खुद की हो ना इच्छा|
भरत और लक्ष्मण के लिए
क्या था यह आसान?
सूर्यवंश की वधुओं के संग ही
रघुकुल नंदन भी थे महान|
सिंहासन पर रख पादुका
भरत ने निभाया फर्ज,
लक्ष्मण के भातृ प्रेम का
उतार पाएगा कौन कर्ज?
धन्य हमारे प्रभु श्री राम
और उनके प्रिय भाई,
एक युग तक त्याग समर्पण
जनक सुताओं ने खूब निभाई|
धन्य हुई यह धरा हमारी
जहां हुआ उनका अवतरण,
हर युग में रघुकुल नंदन का
सभी करेंगे हृदय से वंदन|
— सविता सिंह मीरा