भूख
स्वीकार है मुझे
जुर्म अपना
न चाहते हुए भी कर गया
बेबस था
भूख के आगे
मैं तो सह लेता
पर देखा न गया
मासूमों की भूख को
उनके पेट में धधकती
भूख की आग को
दो रोटी की खातिर
जुर्म कर बैठा
जो भी सजा दो मंजूर है
बच्चों की आँखों में देखी गई तड़फ से तो कम ही होगी