मुक्तक/दोहा

विधेयक लोकसभा से पारित

नारी शक्ति वंदन, अभिनंदन तुम्हारा,
राष्ट्र निर्मात्री वंदन, अभिनंदन तुम्हारा।
संस्कार संस्कृति की पोषक, संरक्षक,
मानवता की जननी, अभिनंदन तुम्हारा।

तुम सशक्त सदा, जग चाहे अबला कहता,
कर्तव्य निर्वहन में अग्रिम, तब सबला कहता।
जब भी संकट पड़ा देश पर, लक्ष्मी बन आती,
रण क्षेत्र में दुष्ट दलन, जग तुम्हें बला कहता।

— अ. कीर्तिवर्द्धन