कविता

राम आगमन

एक बार फिर राम जी का आगमन हो रहा है

जन मन हर्षोल्लास में विभोर हो रहा है।

भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है

राम जी की प्राण प्रतिष्ठा का, अब इंतजार हो रहा है।

एक बार फिर सारी दुनिया

रामजी के अयोध्या के आगमन की 

बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही है।

आखिर करें भी क्यों न?

पांच सौ साल की लंबी प्रतीक्षा

सैंकड़ों बाधाएं, सपनों के साथ दुनिया से

विदा हो चुकी कई पीढ़ियां।

लंबा कानूनी संघर्ष पथ

निर्दोष रामभक्त पर चली गोलियां

और चीखते, कराहते दम तोड़ते राम भक्त

राम के अस्तित्व तक को नकारते रामद्रोही

तरह तरह के व्यंग्य और अपमानित करने का 

वोट के लालचियों, धर्म विरोधियों

और सत्ता का घिनौना कृत्य।

सत्य को नकारने की पराकाष्ठा

और रामजी की सहनशक्ति का इम्तिहान लेने का

अजीबोगरीब षड्यंत्र।

मर्यादा को रौंदते कुछ लोगों के काले कारनामे।

आखिरकार कलयुगी रावण की नाभि का

सूख ही गया अमृत,

और गूंज उठी विश्व भर में

मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जय जयकार।

और आज फिर से अयोध्या सजधजकर तैयार है

राम जी के आगमन की प्रतीक्षा में,

एक बार फिर से इतिहास बनने जा रहा है।

बाइस जनवरी दो हजार चौबीस का दिन

और आसीन हो जायेंगे अयोध्या के राजा राम।

हम सबके मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम।

विराजेंगे अपने राज सिंहासन पर

अपने बंधु बांधवों, देवी देवताओं के साथ।

तब फिर से दिखने लगेगा,

राम जी का रामराज्य सारी दुनियां को।

और कालिख लगेगी रामद्रोहियों के चेहरों पर।

जो कल तक अस्तित्व को नकारते,

राम जी को काल्पनिक बताते थे।

और आज भी गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं।

राम जी के आगमन की पक्की खबर पर भी

विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।

पर अब जब राम जी का आगमन  हो रहा है।

तब वे सब भी डरते डरते आयेंगे।

और प्रभु राम के चरणों में शीश रख,

खुद को माफ करने के लिए, गिड़गिड़ाएंगे

अब ये रामजी जाने,

वो फैसला क्या सुनाएंगे?

पर हम तो कल भी निश्चिंत थे।

और अब तो नाच गा रहे हैं,

अपने प्रभु की प्रतीक्षा में।

रामधुन गा गा कर हर्षोल्लास से, नाच गा रहे हैं।

क्योंकि हम तो निश्चिंत हैं

कि राम जी आ रहे हैं। 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921