कविता

साथ तेरा बना रहे हमेशा जीवन-साथी

अंतर्मन की मधुर झंकार जीवन-साथी,
प्रेम-प्रणय मान-मनुहार जीवन-साथी,
प्रियतम की बांहों में आनंद-अनुभूति,
जीवन का आधार-आभार जीवन-साथी।

साथ तेरा बना रहे हमेशा जीवन-साथी,
महके-चहके सारा संसार जीवन-साथी,
प्रेम-विश्वास-समर्पण से मन का अंगना,
उपवास हो इक दूजे के लिए जीवन-साथी।

अटूट बंधन से विवाह-बंधन हो सुखदाई,
दूर रहें या पास, आभासित न हो तनहाई,
मन में हो अनुराग खिलें सुरभित कलियां,
प्रेम-भाव से हर पल-पर्व मनाएं साथ वरदाई।

सुहाग के लिए हों सारी दुआएं जीवन-साथी,
आनंद के पल हर्षित करने आएं जीवन-साथी,
सोलह सिंगार से सजा जीवन रहे उल्लासित,
साथ हमेशा हम-तुम निभाते जाएं जीवन-साथी।

(हमारी शादी की 56वीं सालगिरह मुबारक हो जीवन-साथी)
— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244