आज अयोध्या झूमती
खुशियों का संसार है,आज सकल साकेत।
सारी दुनिया हर्षमय,जोश हुआ समवेत।।
स्वागत,वंदन,मान है,नाच रहा उल्लास।
आज अयोध्या झूमती,हुआ राम-आवास।।
राम नाम है वंदगी,राम नाम जयगान ।
राम नाम सुख-चैन है,राम नाम उत्थान ।।
राम नाम में ताप है,राम नाम में साँच।
राम नाम हो संग तो,नहिं आती है आँच।।
आज अवध सुख से भरा, वहां बहे रसधार।
राम नाम के तेज से,महक रहा संसार।।
राम मोक्ष हैं,दिव्य हैं,जग के पालनहार।
राम शरण में जो गया,हो जाता भव पार।।
राम नाम तो सूर्य है,राम नाम अभिराम।
आज अयोध्या फिर बनी,पावन तीरथधाम।।
राम नाम शुचिता लिए,राम नाम में सार।
राम नाम वरदान है,राम नाम उपहार।।
राम नाम उजियार है,हर ले जो अँधियार ।
राम नाम यशगान है,राम नाम जयकार।।
राम नाम आशीष है,करो राम का मान।
पावनता साकेत में,दर्शन की लें ठान।।
— प्रो (डॉ) शरद नारायण खरे