कविता

रंगोत्सव

परिंदें गा रहे हैं फाग

कितने क़ीमती हैं

स्पर्श-सुख रूप-रस रव-राग?

पेड़ो!

पतझड़ में उदास मत होना

जो गंध हवा की सवारी कर रही है

उसने जीवन की कथा कही,

फूल मुरझाते हैं

रंग नहीं।

— गोलेन्द्र पटेल 

गोलेन्द्र पटेल

जन्म स्थान : ग्राम-खजूरगाँव , पोस्ट-साहुपुरी , जिला-चंदौली , उत्तर प्रदेश , भारत , 221009,शिक्षा : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्नातक अंतिम वर्ष का छात्र(हिंदी आनर्स),मो.नं. : 8429249326,ईमेल : [email protected]