परछाई बन जाओ
सिख सुहानी आप की।
यथार्थ सही बता रही।।
अपनी उम्र साथी से मिलो।
मन से दोस्ती कर निभाओ।।
सुख दुःख बांटो आपस में ।
स्वयं की परछाई बन जाओ।।
त्याग करने में सदा रहो तैयार।
कब पुन्य का मौका मिले।।
यारी रखो आएगी काम।
इस हाथ दो उस हाथ लो ।।
कोई एक्सरसाइज करा रहा।
कोई बैठे बैठे हंसा रहा।।
यारो को जिंदादिल बता रहे।
मस्त जीवन का यह राज।।
— सुरेश माथुर