सु-संवाद हो!
वाणी हो मीठी-मीठी मधुर,
न हो कर्कश, न कठोर,
मिश्री घुली हो बोली सुहास,
रिमझिम बरसे प्रेम रस धार।।
निर्मल वाणी सबको भाये,
पावन भावना, मन हर्षाये,
मनमयूर नाचे छम छम छम,
प्रेम-वीणा गीत गुनगुनाये।।
प्रभु का अनमोल है उपहार,
भाव संजोता शब्द संसार,
बोलने से पहले हो तोल-मोल,
सु-संवाद से होवे मेल-जोल।।
जीवन में खूब मिठास घोले,
सुख, धन वैभव हिय हिंडोले
प्यार-दुलार की दौलत बरसे,
जगमग, जीवन ज्योत जले।।
संतों की वाणी सद्भाव सजाये,
महामहिम शब्द- मोती लुटाये,
सत्य-असत्य की परख हम करें,
सत्यार्थी वाणी, जयगान गाये।।