तूफान
लहलहाते खेत देख अन्नदाता हर्षाया,
सजायी आनन-फानन सपनों की दुनिया,
पेटभर भोजन, सुंदर परिधान पहने अपने,
सोलह श्रृंगार कर चहके पत्नी, गाये गीत सुहाने।।
डोल-डोल महकती डाल मुस्कुराती,
लहराती पवन संग, बहकती पाती,
भ्रमर प्रणय गुंजन, सुरमई.सुर संगीत,
इठलाती तितलियां, मन मयूर पुलकित।।
खेलते, फुदकते, बच्चे लगते प्यारे,
तृप्त नयनों से हलधर उन्हें निहारे,
अर्धांगिनी के अधरों पर खिली मोहक हंसी,
प्रेम दीप आलोकित, आनंद अनुभूति महकी-सी।।
सपनों की दुनिया उजाडता तूफान आया,
डोलती फसल तहस-नहस, सिसके कृश काया,
ब्याज साहूकार का, हालात हुई है खस्ता,
बुढे माँ-बाप की दवाइयां, बच्चों की फीस, बस्ता।।