अनुभव
जितना अधिक किसी के लिये काम करते है
वह उसको उतना ही दुखदायी होता है
जैसा बोते वैसा ही फल मिलता यह मेरा अनुभव कहता है
जीवन में अनेकों के बार बिना गलती के भी सहना होता है
सुख दुख तो जीवन के हिस्से होते है
जो चोट खाकर सम्भल जाएं वही सफल होता है
किसी के जुल्म न सहो उसके विरुद्ध आवाज उठाते है
वो जीवन में कभी न झुकते यह मेरा अनुभव कहता है
न किसी को दुख देते सबसे प्रेम से बात करते है
रिश्तों की अहमियत को वो समझते है
बड़ों को आदर सम्मान जो देता है
वह जीवन भर उनके आशीष से सुखी रहता है.[….]
— पूनम गुप्ता