गीत/नवगीत

निर्णय

दिल इतना भी, छोटा मत करिये
कि जीत भी, हार सी, लगने लगे
पूर्ण बहुमत, न मिला, तो न सही
हैट्रिक लगी है,‌ थोड़ा, खुश रहिये

जनता ने, जो भी, दिया निर्णय
सहर्ष स्वीकार, करना ही पड़ेगा
यहां लोकतंत्र है, तानाशाही नही
मतदान,बढ़-चढ़कर, करना पड़ेगा

तीसरी बार, बन रही, सरकार
क्या यह छोटी, उपलब्धि है
उड़ीसा में सम्पूर्ण, बहुमत पाया
सच पूछो तो, कर्मों की सिद्धि है।

केरल में भी, खाता, खोल लिया
धीमे से पांव भी, पसार लें गे
वामपंथियों को, चलता कर देंगे
दक्षिण में भाग्य, संवार लें गे।।

वैसे निराशा का, कोई कारण नही
जो मिला है, उसमें खुश हो लो
तालमेल बनाओ,गठबंधन चलाओ
विरोधियों को, हल्के में, मत लो ।

निराशा, में ही, रहेंगे यदि डूबे
‌जो मिला है, वह भी, खो दोगे
विपक्ष तो, इसके लिए, तरस रहा
खुद अपने लिए, विष बो दोगे ।

इतना कुछ करके, न मिला बहुमत
इस पर विचार, फिर कर‌ लेना
अभी तो उत्साह, का प्रवाह भरो
बाद में ग़म, हल्का कर लेना।।

सब कुछ अपने, मन माफिक हो
ऐसा तो कभी, मुमकिन, ही नही
हम अपना कर्म, बस‌ किये जाएं
फिर जो, भी निर्णय, हो वह सही।

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई