लघुकथा

लघुकथा – युग सत्य

बंदर बस्ती में आया तो कुत्ता बंदर को देखकर जोर-जोर से भौंकने लगा । बंदर ने देखा और बोला -“अबे क्यों भौंक रहा है ? तुम्हारे मालिक ने खेतों में फसल बीजना छोड़ दिया है तभी तो हमें बस्तियों में आना पड़ रहा है ।

जब तुम्हारा मालिक फसल बीजता था तब हमें भी तो वहां से कुछ खाने को मिल ही जाता था , और तुम्हें भी तो खेतों की रखवाली के बदले दाल – फुलका मिल जाता था।

 अब तुम्हारे मालिक ने खेत बीजना ही छोड़ दिया तो तू भी तो उसके लिए अब बेकार हो गया है।

 इसलिए अब वह तुझे भी दाल -फुलका  नहीं खिलाना चाहता।

क्योंकि उसे अब खेतों की रखवाली के लिए तो तेरी जरूरत ही नहीं रही।

अब तुझे भी तो उसने घर से निकाल दिया है। तेरा भी तो दाल फुलका बंद हो गया है ।”

दोनों की बातचीत सुनने के लिए और कुत्ते इकट्ठे हो गए थे। कुत्तों का झुंड बंदर की बातें ध्यान से सुन रहा था। बंदर ने आगे कहा-” वह जमाना गया जब हमारे झुंड के लिए एक कुत्ता ही काफी होता था ।अब तो तुम्हारे झुंड के लिए मुझ जैसा एक बंदर ही काफी है।”

कुत्तों ने हां में गर्दन हिलाई।

बंदर ने कहा-” चलो आज के बाद हम दोस्त बन जाते हैं।” कुत्तों ने दोस्ती की हामी भरते हुए अपनी-अपनी पूंछ हिलाई। कुत्ते बंदर को सुनकर चले गए। बंदर छलांगें मारता हुआ पूरी बस्ती में उधम मचाता रहा। अब दोनों की दुश्मनी दोस्ती में जो बदल गई थी।

— अशोक दर्द

अशोक दर्द

जन्म –तिथि - 23- 04 – 1966 माता- श्रीमती रोशनी पिता --- श्री भगत राम पत्नी –श्रीमती आशा [गृहिणी ] संतान -- पुत्री डा. शबनम ठाकुर ,पुत्र इंजि. शुभम ठाकुर शिक्षा – शास्त्री , प्रभाकर ,जे बी टी ,एम ए [हिंदी ] बी एड भाषा ज्ञान --- हिंदी ,अंग्रेजी ,संस्कृत व्यवसाय – राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिंदी अध्यापक जन्म-स्थान-गावं घट्ट (टप्पर) डा. शेरपुर ,तहसील डलहौज़ी जिला चम्बा (हि.प्र ] लेखन विधाएं –कविता , कहानी , व लघुकथा प्रकाशित कृतियाँ – अंजुरी भर शब्द [कविता संग्रह ] व लगभग बीस राष्ट्रिय काव्य संग्रहों में कविता लेखन | सम्पादन --- मेरे पहाड़ में [कविता संग्रह ] विद्यालय की पत्रिका बुरांस में सम्पादन सहयोग | प्रसारण ----दूरदर्शन शिमला व आकाशवाणी शिमला व धर्मशाला से रचना प्रसारण | सम्मान----- हिमाचल प्रदेश राज्य पत्रकार महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत , हिमाचल प्रदेश सिमौर कला संगम द्वारा लोक साहित्य के लिए आचार्य विशिष्ठ पुरस्कार २०१४ , सामाजिक आक्रोश द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में देशभक्ति लघुकथा को द्वितीय पुरस्कार | इनके आलावा कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित | अन्य ---इरावती साहित्य एवं कला मंच बनीखेत का अध्यक्ष [मंच के द्वारा कई अन्तर्राज्यीय सम्मेलनों का आयोजन | सम्प्रति पता –अशोक ‘दर्द’ प्रवास कुटीर,गावं व डाकघर-बनीखेत तह. डलहौज़ी जि. चम्बा स्थायी पता ----गाँव घट्ट डाकघर बनीखेत जिला चंबा [हिमाचल प्रदेश ] मो .09418248262 , ई मेल --- [email protected]