राजनीति

इंडी गठबंधन के घोषणा पत्र व जातिवाद ने बिगाडा भाजपा का खेल


भारत देश के 18वीं लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी जी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, किन्तु पहली और दूसरी शपथ के अनुसार तीसरी शपथ इतनी दमदार नजर नही आ रही है! 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम कुछ इस तरह से आये हैं कि जीतने से ज्यादा उत्साहित हारने वाले दिखाई पड़ रहे हैं और यह उत्साह स्वयं मोदी जी ने विपक्षियों को पिछले 10 सालों में दिया है, इसका सबसे बडा कारण यह भी है कि कोई भी पार्टी हो उसमें विभिन्न सामुदाय के लोग रहते हैं विभिन्न प्रदेश के निवासी रहते हैं जो स्थानीय समस्या व मुद्दों से वाकिफ होते हैं, किन्तु मोदी जी ने पिछले दस सालों में स्वयं के चेहरे से देश को साधने का प्रयास करते रहे और पार्टी से जुडे लोगों की न तो कोई बात मानी और चुनाव के दौरान अपनी गारंटी के आगे पार्टी का नाम ही लिया, यही नही 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में की गयी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रानिक मीडिया के द्वारा एक ऐसा फोटो प्रचारित किया गया कि जिसमें यह दिखाने का प्रयास किया गया कि भगवान श्री राम को मोदी जी ही उंगली पकड़ कर अयोध्या लाये हैं! यह तस्वीर कहीं न कहीं जनमानस के दिलो दिमाग में घर कर गयी, जिसे कुछ लोग अहंकार जैसी बातों का की चर्चा भी करने लगे, जानकारी के अनुसार 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री जी ने कुल 181 जनसभाएं की जिसमें से अकेले उ0प्र0 में 24 जनसभाएं मोदी जी के द्वारा की गयी गयीं उ0प्र0 में की गयी अधिकांश जनसभाओं में उनकी उपस्थिति का कोई मतलब दिखायी नही पड़ा सबसे बडा झटका तो तब लगा जब बीजेपी अयोध्या हार गयी और इसकी खबर देश ही नही विदेश तक फैल गयी आखिर ऐसा क्यों ? ओ अयोध्या जो राजनीति का केन्द्र बन चुकी थी जहां से देश को साधने का प्रयास किया जा रहा था! जिस अयोध्या के विकास के लिये केन्द्र सरकार व राज्य सरकार दोनों ने पूरी ताकत झोंक दी थी! नतीजा सभी देशवासियों ने देख लिया है कि मोदी जी की गारन्टी पर अधिकांश मतदाताओं ने विस्वास नही किया किन्तु केन्द्र में एनडीए की सरकार बनाने के लिये 07 जून 2024 को अन्य सहयोगी दलों को जोड़कर बहुमत मिल गयी और 08 जून 2024 को नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ ग्रहण की।

अब देखना यह है कि मोदी जी 3.0 में पहली व दूसरी बार की तरह ही अपने फैसले ले पाते हैं या नही, अब कुछ नया और करते हुये नजर आयेंगे या नही, साथ ही प्रधानमंत्री जी के द्वारा अब तक जो अध्यादेश लागू नही किये थे उन सबको लेकर कोई पछतावा नजर आयेगा या फिर प्रस्तावित कार्य पहले की तरह ही पास होते रहेगें। प्रधानमंत्री जी को महुमत न मिलने की अधिक समीक्षा करने की आवश्यकता नही है कुछ ही मुद्दों के कारण एनडीए यानी भाजपा को महुमत हांसिल नही हुयी जिसका सबसे बडा कारण था कांग्रेस का घोषणा पत्र जिसमें जनता को लुभाने के लिये अनेंको वादे किये गये थे जैसे महिला मुखिया को 8500 की धनराशि देना, किसानों का कर्ज माफ करना, सरकारी कार्यालयों में लगे संविदा व ऑउटसोर्सिंग कर्मियों की संविदा समाप्त कर नियमित कर देना, युवाओं को नौकरी देने जैसे तमाम तरह का चुनावी चूरन जनता को चटाया गया था साथ ही साथ गठबन्धन का बहुत ही मत्वपूर्ण योगदान रहा जबकि प्रधानमंत्री जी के घोषणा पत्र 2024 में जनता को लुभाने जैसे कोई वादे नही किये गये पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल की तमाम योजनाएं जनता भूल गयी और कहीं न कहीं कर्मचारियों की एकजुटता भी चुनाव में काफी असरदार रही इसका सबसे बडा कारण यह था कि 20214 से पहले उ0प्र0 में समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा शिक्षा विभाग के सभी संविदा पर नियुक्ति शिक्षामित्रों को नियमित शिक्षक बना दिया गया था किन्तु 2014 के बाद सरकार बदली और सभी शिक्षामित्रों को अयोग्य करार करते हुये पुनः उसी पद पर स्थापित कर दिया गया इसलिये उ0प्र0 के समस्त संविदा व ऑउटसोर्सिंग कर्मियों ने मान लिया कि यदि कोई नियमित करने की हिम्मत जुटा सकता है तो वर्तमान में गठबन्ध ही है इसलिये तैयारी में जुटा युवा, विभागों में लगा संविदा व ऑउटसोर्सिंगकर्मी, पूरानी पेंसन को लेकर नियमित कर्मचारियों की नाराजगी भी अल्पमत की सबसे बड़ी वजह रही है।

2024 का लोकसभा चुनाव बहुत ही विचित्र नजर आया जिसमें एक वर्ग में जातियों को लेकर खींचातानी बहुत तेज देखने को मिली और उ0प्र0 की बहुसंख्यक जातियों को साधने के लिये विपक्षियों ने ऐंडी से लेकर चोंटी तक पूरी ताकत झोंक दी एनडीए यानी बीजेपी सरकार से मोह भंग होते देख इस दौरान दूसरे वर्ग के मतदाआतें ने भी मौका देख कर चौका मार दिया, वहीं चुनाव के दौरान विपक्षियों द्वारा संविधान बदलने व आरक्षण खत्म करने जैसे भाषण देकर कहीं न कहीं जनता में भय पैदा करने का काम किया और अपनी राजनीतिक रोटी सेकनें के लिये महौल ऐसा गर्म किया कि सभी को अपना आरक्षण खतरे में नजर आने लगा साथ ही संविधान पर संकट के बादल मंडराते नजर आने लगे जनता को यह बताया गया कि आरक्षण खत्म हो जायेगा तो तुम्हारे बच्चों को नौकरी नही मिलेगी, समाज में सम्मान नही मिलेगा बाबा सहाब जो अधिकार देकर गये हैं वह सब खत्म हो जायेगा जिसका नतीजा 2024 में सभी ने देखा, समय रहते यदि इस ओर कोई ध्यान नही दिया गया तो एक दिन जातीय समीकरण इतना भयानक रूप ले लेगा कि सत्ता पाने की लालच में एक न एक दिन अनुचित कार्यों को भी उचित ठहराना पड़ेगा और विकसित भारत का सपना एक सपना ही रह जायेगा क्योंकि आज के मतदाता को जो मिला है वह प्रर्याप्त नही है क्योंकि अब अपने बूते पर कोई खड़ा होना नही चाह रहा है।

— राजकुमार तिवारी ‘राज’

राज कुमार तिवारी 'राज'

हिंदी से स्नातक एवं शिक्षा शास्त्र से परास्नातक , कविता एवं लेख लिखने का शौख, लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र से लेकर कई पत्रिकाओं में स्थान प्राप्त कर तथा दूरदर्शन केंद्र लखनऊ से प्रकाशित पुस्तक दृष्टि सृष्टि में स्थान प्राप्त किया और अमर उजाला काव्य में भी सैकड़ों रचनाये पब्लिश की गयीं वर्तामन समय में जय विजय मासिक पत्रिका में सक्रियता के साथ साथ पंचायतीराज विभाग में कंप्यूटर आपरेटर के पदीय दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है निवास जनपद बाराबंकी उत्तर प्रदेश पिन २२५४१३ संपर्क सूत्र - 9984172782