कविता

छोटे कारोबारियों को परेशान करता हूं

सिंगल यूज़ प्लास्टिक बंदी का इंचार्ज हूं
अपने स्वास्थ्य विभाग पर ध्यान नहीं देता हूं
माल सुतो अभियान में लगा रहता हूं
छोटे कारोबारियों को परेशान करता हूं

जिसने हफ़्ता नहीं बांधा उसे परेशान करता हूं
रोज-रोज उसी के ऊपर रेड डालता हूं
हरे गुलाबी विभाग से मिलकर बहुत छापता हूं
छोटे कारोबारियों को परेशान करता हूं

बड़ी फैक्ट्रियों में नहीं जाता हफ्ता बंदा है
साहब ने क्लीन चिट देकर मना किया है
रात बारह से सुबह छह तक शिफ्ट जानता हूं
छोटे कारोबारियों को परेशान करता हूं

बंदी के बावजूद प्रोडक्शन करते हैं खुश हूं
माल सप्लाई नीचे होता है वसूलता हूं
हिस्सेदारी की चेन बंधी है समझता हूं
छोटे कारोबारियों को परेशान करता हूं

कोई भी बंदी कानून लाओ फायदा हमें होता है
अंदर खाने ले देकर परमिशन से काम होता है
कर्मचारी हूं भ्रष्टाचार बाबा की जय ही बोलता हूं
छोटे कारोबारियों को परेशान करता हूं

— किशन सनमुख़दास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया