आस्था और श्रद्धा
राम कृष्ण हरि 🙏
माऊली माऊली माऊली🙏
आस्था और श्रद्धा का उमड़ता सैलाब.
आषाढी एकादशी का महाराष्ट्र में बहुत महत्व है. इस दिन महाराष्ट्र के हर कोने से श्रद्धालु विट्ठल, विठोवा के दर्शन के लिए पंढरपुर पहुंचते हैं. महाराष्ट्र में कृष्ण भगवान को विट्ठल, विठोवा बोलते हैं और विट्ठल, रुकमणी के मंदिर में दर्शन करते हैं.वारी समुदाय के लोग विट्ठल के दर्शन के लिए आलंदी से माऊली संत ज्ञानेश्वर की और देहु से संत तुकाराम की पालखी निकलते हैं जिनमें लाखों लोग पैदल लगभग 250 किलोमीटर की यात्रा करते हुए पंढरपुर पहुंचते हैं.पूना में दोनों पालकी आकर मिलती हैं और संत ज्ञानेश्वर की पालकी सासवड और संत तुकाराम की पालकी लोनी होती हुई पंढरपुर पहुँचती है.पुणे में होने के कारण मेरी भी इच्छा हुई की इस अवसर का मैं भी लाभ लूँ अतः मैं भी दर्शन के लिए हड़पसर गाड़ी तल, जहाँ दोनों पालकियां आकर मिलती हैं पहुँच गया.मेरे अनुमान से लगभग 6-7 लाख लोग पालकियों के साथ चल रहे होंगें. एक साथ इतना बड़ा जन समुदाय चारों तरफ जन ही जन. आस्था और श्रद्धा का जन सैलाब.