चाह
चाहा जो भी पा लिया, इस जीवन में मीत,
जो खोया उसके लिए ,मन में रही न प्रीत,
मन में रही न प्रीत, सभी कुछ लगे अधूरा ,
जीवन का हर ख्वाब,देखता कभी न पूरा ,
कर्मों का हर लेख ,दिखाता सुख चौराहा ,
पाया हमने मीत, वही जो हमने चाहा ।
— महेंद्र कुमार वर्मा
चाहा जो भी पा लिया, इस जीवन में मीत,
जो खोया उसके लिए ,मन में रही न प्रीत,
मन में रही न प्रीत, सभी कुछ लगे अधूरा ,
जीवन का हर ख्वाब,देखता कभी न पूरा ,
कर्मों का हर लेख ,दिखाता सुख चौराहा ,
पाया हमने मीत, वही जो हमने चाहा ।
— महेंद्र कुमार वर्मा