कविता

कविता – मां की दुआओं से

क्या लिखूं एक ख्याल आया है,
मां की दुआओं का असर है,
सबमें दिखता सुखद अहसास छाया है।

सुख चैन से रहने वाले,
मां की दुआओं से लिपटे हुए रहते हैं।
इस ताकत से,
निकली हुई आवाज से,
मोहब्बत करते हैं।

खंजर या कोई तकलीफें देने वाली बलाएं,
सब मानते हैं कि,
मां की दुआओं का असर अनोखा है।
इस ताकत को,
समझने की ताक़त पैदा करने की हिम्मत होनी चाहिए,
इस कारण इस प्यार को,
सब मानते हैं बिल्कुल सही और,
देखते है मानकर,
इस ताकत को खुशियों का झरोखा है।

तक़दीर बदल जाएंगी,
जब मां की दुआओं से लिपटे हुए हम रहेंगे यहां।
समय-समय पर,
खुशियां समेटने में काफी वक्त लगेगा,
जब हम इस साथ को,
दिल में बसाए हम रखेंगे इस दुनिया में यहां।

मां की दुआओं से,
आसमानी हौसला बढ़ती है।
किस्मत के बन्द दरवाजे,
हमें आगे बढ़ने में,
काफी हद तक गुज़रती है।

यही जिंदगी है,
इस ताकत से मरहूम न हो हम-सब।
यह किस्मत वाले को नसीब होता है,
ज़माने भर के लोगों को,
यह खुशियां कहां मिली है अबतक।

यही जन्नत सी सबसे खूबसूरत उपहार है,
आगे बढ़ने में,
मां की दुआओं की रहतीं दरकार है।
उमंग से लबालब भर कर,
खुशियां देती है।
समय-समय पर अपने दिल से निकली हुई आवाज से,
नवाज़ कर आगे बढ़ने में,
हमेशा उम्मीदों को जिन्दा रखती है।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]