बांग्लादेश पर क्यों मौन सेकुलर जमात ? –
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में बीते दिनों हुए राजनैतिक तख्ता पलट की प्रतिक्रिया में जिस प्रकार की वहां के अल्पसंख्यक समुदाय , हिन्दुओं पर हिंसा जारी है वह दिल दहलाने वाली है कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों, समुदाय द्वारा जिस प्रकार का भयावह नंगा नाच किया जा रहा है कोई भी सभ्य समाज उसे स्वीकार नही करेगा। हिन्दुओं के मन्दिर जला दिए जा रहे हैं, खुले आम हिन्दुओं का कत्ल कर दिया जा रहा है, पूरे के पुरे गांव आग के हवाले कर दिए जा रहे हैं, छोटे-छोटे बच्चो को मौत के घाट उतार दिया जा रहा है, नौजवान महिलाओं को अगवा कर उनके साथ दरिंदगी की जा रही है, घर और जमीन जायदात लूट ली जा रही है, उन्हे शरणार्थी होने के लिए मजबूर किया जा रहा है। तरह – तरह के अमानवीय अत्याचार किए जा रहे हैं जो पीड़ा दायक है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमन्त्री शेख हसीना देश छोड़कर भारत में रहने को मजबूर हैं। तख्ता पलट प्रक्रिया के बाद नव गणित बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मोहमद युनुस भी आंदोलनकारियों से निजात पाने में सक्षम नहीं लग रहे हैं उनकी स्वयं की विचारधारा कट्टरपंथी मानसिकता की है , आंदोलनकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हो रहे हैं यहां तक कि अब प्रदर्शनकारियों ने स्वयं की सेना पर भी हिंसक हमले प्रारम्भ कर दिया है। अब वहां के हिन्दू भारत की ओर आशाभरी निगाहों से देख रहे हैं भारत की सीमा पर पहुंच कर भारत में जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं। इस बीच दुनिया के तमाम देशों ने भी बांग्लादेश के प्रदर्शनकारियों की निन्दा की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने भी बांग्लादेश में शान्ति के लिए वक्तव्य जारी किया है। विश्व हिन्दू परिषद् स्थान – स्थान पर शांति की अपील कर रहा है किंतु भारत के तथाकथित सेकुलर जमात ने अभी तक हिन्दुओं की हिंसा पर मुंह नही खोला है केवल लंबे – लंबे बयानबाजी कर रहे हैं। जो कट्टरपंथी मुस्लिम भारत को असहिष्णु बताते हैं आज वह बांग्लादेश पर बोलने के लिए मुह में दही जमा लिए हैं। अब कोई इस जमात से मानवतावादी, धर्मनिरपेक्ष नेता सामने आकर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बोलने के लिए मुंह नही खोल रहा है। आज वहां के हिन्दू मरने के लिए पूरी तरह से मजबूर कर दिए गए हैं। अब कोई इंडी गठबंधन का नेता बांग्लादेश के खिलाफ धरना प्रदर्शन नही कर रहा है मनवाता के सारे पुजारी आज मौन होकर केवल तमाशा देश रहे हैं। जबकि भारत में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय शनादार तरीके से सीना चौड़ा करके रहता है। जो भारत को असहिष्णु बोलते थे आज वह बांग्लादेश पर कुछ बोलने से कतराते हैं। जो सेकुलर गिरोह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून का सौदागर बोलते थे आज वही नरेंद्र मोदी की सरकार बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार के विरोध में राजनैतिक हस्तक्षेप कर वहां के हिन्दुओं को बचाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। बांग्लादेश के वर्तमान प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस को चाहिए कि राजनैतिक स्वार्थ पुरे करना छोड़कर तत्काल वहां शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए कठोर कदम उठाएं। प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित कर वहां के हिन्दुओं की जान – माल की रक्षा करने के भरसक प्रयास करने चाहिए तथा हिन्दुओं को वहीं रुके रहने के लिए आश्वस्त करना चाहिए। इस हिंसा में जो हिन्दू मारे गए हैं उनके परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान कर संकट के इस क्षण में सांत्वना प्रदान करें। जो शरणार्थी शिविरों में पहुंच रहे हैं उन्हें ससम्मान वापस कर पुनर्स्थापित करने की आवश्यक पहल करना तत्काल आवश्यक है। अनिश्चितता से घिरा बांग्लादेश की यह घटनाएं आश्चर्यजनक और त्रासदी देने वाली हैं, जिन देशों के चंदे और शह पर बांग्लादेश में यह तख्ता पलट हुआ है वे अपने आर्थिक और राजनैतिक हितों को साधने में लगे हैं इस बात को बांग्लादेश के तत्कालीन नेतृत्व को समझना चाहिए। किसी के चंद रुपयों पर बिकना छोड़कर अपने देश को समृद्ध, शांत और उन्नत बनाने के लिए कार्य करना चाहिए नही तो आने वाले समय में बांग्लादेश किसी भी घाट का नही रहेगा। भारत के सेकुलर गिरोह से भी आग्रह है कि राजनैतिक, सांप्रदायिक स्वार्थ को छोड़कर बांग्लादेश के हिन्दुओं के प्रति संवेदनशील बनना चाहिए।
— बालभास्कर मिश्र