लघुकथा

सोमवारी

आज एचओडी मैडम डिपार्टमेंट में समोसा और गुलाबजामुन लेकर आई । आयुष ने पूछा “मैम यह सब किस खुशी में?”
“आज मेरा जन्मदिन है. सोचा तुम लोगों के साथ मना लूं ” विनीता मैम ने कहा
उन्होंने सभी को समोसे दिए मगर कोयल ने नहीं लिए
“क्यों तुम्हें समोसे पसंद नहीं है “मैम ने पूछा
कोयल ने कुछ जवाब नहीं दिया
“मैम कोयल का सोमवारी है” पीछे से अखिल बोला
“अच्छा!” मैम ने मुस्कुराते हुए कहा
“तुम्हे पता है सोमवारी किस लिए किया जाता है” मैम ने कोयल से पूछा
“नहीं मैम”कोयल ने सर हिलाया
“अच्छा जीवन साथी के लिए यह व्रत किया जाता है” मैम ने कहा
“अच्छा ये बताओ तुम्हें किस तरह का लाइफ-पार्टनर चाहिए”
“अभी मैंने सोचा नहीं” कोयल ने कहा
“फिर भी कुछ तो आईडिया होगा” मैम तो कोयल के पीछे ही पड़ गई
“वो खुद को इंसान समझे और मुझे भी इंसान समझे “कोयल ने कहा
मैम मुस्कुराने लगी

— विभा कुमारी नीरजा

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P