कविता

तिरंगा

आज तिरंगा हम लहराएं ।आजादी का जश्न मनाएं।।भारत की है शान तिरंगा।हम सबकी है जान तिरंगा।।इसकी शान न जाने पाए।चाहे प्राण भले ही जाए।।नफ़रत इससे कभी न करना।मरने से भी कभी न डरना।।इसकी लाज बचाए रखना।कभी नहीं तुम पीछे हटना।।दुश्मन को ललकार रहा है।आंख में आंखें डाल रहा है।।है जग एक मान भारत का।यही गर्व तो है भारत का।।शिखरों पर लहराए तिरंगा।घर घर में फहराएं तिरंगा।।

*सुधीर श्रीवास्तव

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