कविता

आजादी का पर्व

आज दिवस ये फिर आया है।
सबके मन को हर्षाया है।।
चारों ओर खुशियाँ छाईं हैं।
आजादी की ऋतु आई है।।
आजादी का ताना बाना।
संघर्षों को भूल न जाना।।
सदा शहीदों के गुण गाना।
उनको कभी भूल मत जाना।।
बांध कफ़न जो तब निकले थे।
लौट नहीं जो आ पाए थे।।
निज का थे बलिदान किए वो।
आजादी ना देख सके जो।।
वीर बाँकुरे आजादी के ।
लाल दुलारे भारत मां के ।।
कदम नहीं डिगाया अपना।
आजादी था केवल सपना।
कितनों ने जब जान गँवाई।
तब हमने आज़ादी पाई।।
कभी न जायेगी बिसराई।
आजादी की भोर तब आई।।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921