मुक्तक/दोहा

अहिंसा

अहिंसा भाव की बहेगी धारा 

मानवता का होगा उजियारा,

दीपित सेवाधर्म संस्कार होगा,

प्रेम, दया, करूणा का झंकारा।।

विश्व शांति का सपना हो पूरा,

जगती हो सद्भावना, भाईचारा,

अलख सत्सेवा, परमानंद का,

अहिंसा परमोधर्म सुखकारा।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८