भजन/भावगीत

ॐ जय गणपति देवा,,,,

जय गणपति देवा स्वामी जय गणेश देवा ।।
विघ्न विनाशक स्वामी सुफल करो सेवा ।।
ॐ जय गणपति देवा,,,,
कर में परशु विराजे भाल चन्द्र धारी ।।
नाग जनेऊधारी मूषक सवारी ।।
ॐ जय गणपति देवा,,,,
गौरी के प्रिय ललना शिव सुत वरदानी ।।
कार्तिकेय के भाई रिद्धि सिद्धि के स्वामी ।।
ॐ जय गणपति देवा,,,
रक्तवर्ण प्रिय स्वामी लाल वस्त्रधारी,,,
लाल पुष्प से पूजित तुम मंगलकारी ।।
ॐ जय गणपति देवा,,,
जामुन कैथा भाये दूर्वा शीश धरें ।।
मोदक भोग लगावें सेंदुर प्रीति करें ।।
ॐ जय गणपति देवा,,,
हम भक्तन के स्वामी संकट दूर करो ।।
ज्ञान बुद्धि के स्वामी मन का तिमिर हरो ।।
ॐ जय गणपति देवा,,,
गणपति जी की आरती जो नितान्त गावे ।।
सफल मनोरथ पावे रिद्धि सिद्धि धन पावे ।।
ॐ जय गणपति देवा,,,,

— समीर द्विवेदी नितान्त

समीर द्विवेदी नितान्त

कन्नौज, उत्तर प्रदेश