कविता

छठ पर्व

कार्तिक शुक्ल पक्ष पावन दिन में
छठी मईया अवतार लिए
तेरे आते इस जगत में
पावन पर्व महान बना
नदी, नहर, और तालाब में
घाट घाट पर घाट बना
चार दिवस की कठिन तपस्या
व्रतो का सरताज बना
लाल है चुन्दरी लाल है गोटा
चुंदड़ी का ओहार बना
सूर्य देव भी लाली लिए
पूरब का पट खोल दिया
उगते सूरज डूबते सूरज
पूजा बारंबार हुआ
छठी मईया की शक्ति अपार
बिहार का पवन पर्व बना
देश देश हर राज्य में देखो
राष्ट का पावन पर्व बना
है अनूठा देखो जग में
मानव का कल्याण हुआ।

— विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।

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