खुशियों वाली दिवाली
खुशियों वाली दिवाली
“सुनो न, कुछ दिन पहले ही तुम कह रही थी कि अपना मिक्सर ग्राइंडर चेंज करना है, बहुत पुरानी हो गई है, तो क्यों न अभी दिवाली के मौके पर चल रहे एक्सचेंज ऑफर में उसे देकर नया ले लें।” श्रीमान् जी ने कहा।
“हाँ बात तो आपकी सही है, पर मुझे लगता है कि यदि हम उसे एक्सचेंज में देते हैं, तो कंपनी वाले हमें बमुश्किल तीन-चार सौ रुपए का ही डिस्काउंट देंगे। या ये भी हो सकता है कि वे नये का दाम ज्यादा बताकर इधर डिस्काउंट के नाम पर हमसे पूरी कीमत वसूल लें। इससे तो अच्छा यह होगा कि हम नया ही ले लें। रही बात पुराने मिक्सर ग्राइंडर की, तो वह फिलहाल चालू हालत में ही है, उसे हम अपनी कामवाली बाई को दे देंगे। कुछ दिन वह भी चला लेगी।” श्रीमती जी बोलीं।
“ये भी सही है। मैं तो क्या कहता हूँ कि अपनी वाशिंग मशीन भी बहुत पुरानी हो गई है और तुम आटोमेटिक वाली लेना चाहती थी, तो क्यों न हम वह भी ले लें और पुरानी वाली जिस पर एक्सचेंज में हमें बमुश्किल हजार-बारह सौ रुपए मिलेंगे, उसे अपने ड्राइवर को दे दें। वह भी कुछ दिन उसका उपयोग कर लेगा।”
“बिल्कुल सही कह रहे हैं आप। इस बहाने, पुरानी चीजों से ही सही, उनकी भी दिवाली खुशियों वाली हो जाएगी।”
“ठीक है फिर। आओ देखते हैं नेट पर कि कौन-सी कंपनी की लेना ठीक रहेगा।”
और दोनों गुगल पर सर्च करने लगे।
-डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़