कविता

जीवन का लक्ष्य

जीवन का लक्ष्य निर्धारित कीजिए
उसके लिए किसी और पर आश्रित मत रहिए,
ये जिंदगी आपकी है
तो फिर इसकी बागडोर अपने हाथ ही रखिए।
सिर्फ लक्ष्य का नाटक मत करिए
लक्ष्य निर्धारित करने से पहले
खूब सोच विचार कर लीजिए,
क्या वास्तव में लक्ष्य पाने के आप तैयार हैं
खुद को खूब ठोंक बजाकर देख लीजिए
फिर ईमानदारी से प्रयास करने का संकल्प कीजिए,
पूरी शिद्दत, लगन से इसे हासिल कीजिए।
लक्ष्य भी ऐसा बनाइए
जो आपके सपनों से मेल खाता हो
न की आपका लक्ष्य ही
रोज रोज आइना दिखाने को आतुर हो।
तब जीवन का लक्ष्य सफलता दिला सकता है
वही जीवन का लक्ष्य ही
आपको सफलता का आयाम हो सकता

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921