आओ चैन की नींद सोएं – नींद उड़ी – सेहत बिगड़ी
वैश्विक स्तरपर भारतीय संगीत गीत फिल्मों को करीब करीब पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है। क्योंकि दुनिया में ऐसे कम ही देश होंगे, जहां मूल भारतीय ना बसते हों। भारतीय संगीत क्षेत्र सदियों पुराना मीठा सुरीला है। बस समय के साथ साथ उसमें परिवर्तन होते होते आज डिजिटल इंडिया में संगीत क्षेत्र में भी नया इतिहास रचा जा रहा है, जो तारीफ़ ए काबिल है। हम अगर संगीत क्षेत्र में उप शेत्र गीतों में गौर करेंगे तो हमें नींद पर अनेक गीत मिलेंगे जो न केवल दशकों पुराने भी हैं, परंतु विविधता में एकता याने हर भाषा क्षेत्र में हमें नींद के संबंधमें गीत ज़रूर मिलेंगे उसमें भी हमें प्रेम प्रसंग के ऊपर यह गीत अधिक मिलेंगे, जैसे 1960 के दशक का गीत कभी रहती थी आंखों में नींद अब बसते हैं सांवरिया, 1990 का मुझे नींद ना आए मुझे चैन ना आए न जाने कहां दिल खो गया, से लेकर अभी 2022 तक हमें ऐसे हजारों लाखों में गीत मिलेंगे जहां नींद खोने की का केंद्रीय मुद्दा है। उसी तरह कहावतों में भी हमें रातों की नींद उड़ गई जैसे अनेक किस्से कहानियां कहावतें मिलेगी! इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे कि पर्याप्त नींद के बिना दीर्घकालीन और गंभीर समस्याएं महसूस हो सकती है। पर्याप्त नींद हमारे शरीर और मस्तिष्क को आराम देने की प्रक्रिया है। पर्याप्त नींद फ्रेश ऊर्जावान और अच्छी यादाश्त का टॉनिक भी है।इसलिए आओ चैन की नींद सोए।
साथियों बात अगर हम पर्याप्त नींद ना आने के कारणों की करें तो, आमतौर पर अनिद्रा का कारण तनाव व थकावट हो सकती है, लेकिन इसके कुछ निम्न कारण भी हो सकते हैं, हर रोज सोने के समय में बदलाव होना। दोपहर में सोना या झपकी लेना। सोते वक्त ज्यादा शोर होना या रूम में अधिक लाइट होना। व्यायाम न करना। सोते वक्त मोबाइल व टीवी जैसे उपकरणों का उपयोग करना। धूम्रपान करना। पूरे दिन कैफीन युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करना। कुछ खास तरह की दवाइयों का सेवन करना।रात के वक्त काम करना। चिंता या तनाव। कुछ खास तरह के नींद संबंधी विकार।शरीर में कोई परेशानी होना या स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होना जैसे – मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, तनाव।जीवनशैली में बदलाव इत्यादि। अनिद्रा या उन्निद्र रोग (इनसॉम्निया) में रोगी को पर्याप्त और अटूट नींद नहीं आती, जिससे रोगी कोआवश्यकतानुसार विश्राम नहीं मिल पाता और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बहुधा थोड़ी सी अनिद्रा से रोगी के मन में चिंता उत्पन्न हो जाती है, जिससे रोग और भी बढ़ जाता है। स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद सोना जरूरी है, लेकिन आजकल कई लोग अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं। इस बीमारी को अंग्रेजी में इंसोमनिया कहा जाता है। यह एक प्रकार का नींद संबंधी विकार है। इसमें व्यक्ति को सोने में असुविधा, नींद की कमी या नींद पूरी नहीं हो पाने की समस्या रहती है। ऐसा होने से स्वास्थ्य पर असर होता है और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। अनिद्रा के लक्षण यह भी हो सकते हैं, सोने की कोशिश करने पर भी नींद न आना, नींद आने पर भी थोड़ी देर में जागना या बार-बार नींद टूटने की शिकायत होना, नींद से उठने के बाद भी खुद को ताजा महसूस नहीं करना और सुस्ती आना, व्यक्ति खुद को अस्वस्थ महसूस करता है, अनिद्रा से ग्रस्त व्यक्ति हमेशा चिड़चिड़ा रहता है और बहुत जल्दी गुस्सा हो जाता है, अनिद्रा से ग्रस्त व्यक्ति को चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं जल्दी घेर लेती है।
साथियों बात अगर हम पर्याप्त नींद ना करने के अल्पकालीन और दीर्घकालीन दुष्प्रभावों की करें तो, गहरी नींद नहीं होने से हम तनाव और मानसिक रोग के शिकार होते हैं, नींद पूरी नहीं होने से शरीर और दिमाग को आराम नहीं मिलता है जिससे बदन दर्द, अकड़न और थकावट जैसी परेशानी पैदा हो जाती है, अच्छी नींद नहीं होने पर पाचन तंत्र पर असर पड़ता है जिसके चलते कब्ज की समस्या होती है, पूरी नींद न लेने पर व्यक्ति किसी भी कार्य में एकाग्रचित्त नहीं हो पाता और उसकी स्मरणशक्ति कमजोर हो जाती है, नींद कम होने से व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है जिसके चलते छोटी-छोटी बातों पर भी क्रोधित हो जाता है जिसके चलते परिवार, समाज और ऑफिस में भी लोग उससे बात करने में संकोच करते हैं, नींद के अभाव के चलते थकान बनी रहती है और सिर हमेशा भारी रहता है, कम सोने वालों में कईं बार वजन बढ़ने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। नींद पूरी न होने के दीर्घकालिक दुष्प्रभाव – यदिहमर पर्याप्त नींद के बिना काम करना जारी रखते हैं, तो आपको दीर्घकालिक और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं महसूस हो सकती हैं। नींद की कमी के कारण उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दिल का दौरा, हार्ट फेलियर और कैंसर, स्ट्रोक तक का खतरा बढ़ जाता है। अन्य संभावित समस्याओं में मोटापा, अवसाद, प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या और सेक्स ड्राइव में कमी महसूस होते रहना भी शामिल है।
साथियों बात अगर हम नींद की आवश्यकता की करें तो, संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार और नियमित व्यायाम की आवश्यकताओं के बारे में तो हम सभी सुनते आ रहे हैं, परंतु हमको इसके साथ-साथ अच्छी नींद लेना भी बेहद आवश्यक है। मस्तिष्क को बेहतर तरीके से कार्य करने में मदद करने के साथ है, शरीर को री-फ्रेश रखने,प्रतिरक्षा को बढ़ावा देकर रोगों के जोखिम को कम करने और चिंता-तनाव जैसी मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से बचाने में अच्छी नींद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में नींद एक जरूरत है। नींद हमारे शरीर और मस्तिष्क को आराम देने की एक प्रक्रिया है, ताकि शरीर और मन ऊर्जा का संग्रह कर ले, और हम आगे के काम के लिए तैयार हो जाएं। इसलिए अच्छी और गहरी नींद के बाद हम काफी ऊर्जावान महसूस करते हैं, अगर किसी कारण से ये नींद पूरी नहीं होती है तो हम परेशान, चिड़चिड़े, आलस्य, और कमजोरी जैसी कई समस्याओं के आप शिकार हो जाते हैं। देखा जाए तो अनिद्रा कोई बीमारी नहीं है, यह एक जीवनशैली है।विशेषज्ञों की सलाह है? नींद पूरी करना सभी के लिए आवश्यक है, यदि हमको इसमें असहजता महसूस होती है तो डॉक्टर की मदद जरूर ले लें। अनिद्रा को इलाज के माध्यम से आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ आसान से उपाय जैसे स्क्रीन टाइम को कम करना, रात में बेडरूम को शांत और अंधेरा रखना, मन को शांत करने के लिए अच्छे संगीत सुनना नींद प्राप्त करने में हमारे लिए सहायक हो सकता है। वयस्कों को रोजाना रात में 6-8 घंटे की निर्बाध नींद प्राप्त करने की सलाह दी जाती है। इसमें एक दिन भी होने वाली कमी हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, जिन लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती है, उन्हें अगले दिन थकान, सुस्ती, काम में मन न लगने जैसी कई तरह की दिक्कतें महसूस होती रह सकती हैं। इसी तरह अगर नींद पूरी न होने की समस्या दो-तीन दिन तक जारी रहती है तो इसके और भी कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
साथियों बात अगर हम पर्याप्त नींद लेने के फायदों की करें तो, अच्छी नींद आने से हम ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल आदि से समस्या से बच सकते हैं। अच्छी नींद आने के बाद हम काफी फ्रेश और किसी भी काम में हम मजा लेते हैं, पर्याप्त नींद के बाद हम काफी ऊर्जावान महसूस करते हैं, पूरी नींद लेने वाले व्यक्तियों की याद्दाश्त काफी अच्छी होती जाती है, अच्छी नींद होने से हमारी एकाग्रता भी बढ़ती है, हमेशा पर्याप्त नींद लेने से व्यक्ति हमेशा तरो-ताजा महसूस करता और हमारे चेहरे पर नेचुरल मुस्कान बनी रहती है।
— किशन सनमुख़दास भावनानी